पवित्र मन, वचन व कर्म से तर्पण यानि श्राध्द
हिन्दू संस्कृति में श्राध्द करना सर्वश्रेष्ठ पुण्य का कार्य माना गया है। श्राध्द करने से पितर वर्ष भर संतृप्त रहते हैं। हमारी संस्कृति में श्राध्द न करना बुरा माना गया है। ऐसे व्यक्तियों के लिये ‘पृथ्वी चंद्रोदय’ में मनु का कथन है। भारतीय संस्कृति में जन-जन का यह अटूट विश्वास है कि मृत्यु के पश्चात…