है राम के वजूद पे, हिन्दोस्तां को नाज
इस सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न धर्मनिरपेक्ष देश में मुगलकाल से ही राम के प्रति मुसलमानों के मन में जो भावना जन्मी उसे जानकर कहीं ऐसा बोध नहीं होता कि वे हिन्दू आदर्शों को महत्व नहीं दे पाये हैं। भारतीय साहित्य कला में उनका जो योगदान रहा है, उसे अस्वीकार नहीं किया जा सकता। राजनैतिक दोगलेपन की…