डेंटल ब्लीचिंग (Dental Bleaching) का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता और न ही दांतों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव ही पड़ता है। डेंटल ब्लीचिंग (Dental Bleaching) से दांतों का पीलापन, पीले लाल धब्बे, गुटखा के दाग इत्यादि आसानी से खत्म हो जाते हैं।
तम्बाकू, शराब सेवन, गुटखा का सेवन आदि से दांत पीले पड़ जाते हैं। कई बार टेट्रा साइक्लिन नामक दवा के कारण भी दांत पर पीले धब्बे पड़ जाते हैं। जानकारी के अभाव में दांतों को साफ करने के लिए लोग कई तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल करते हैं जो दांतों को नुकसान पहुंचाते हैं।
दांतों का पीलापन डेंटल ब्लीचिंग (Dental Bleaching) से आसानी से दूर किया जा सकता है। डेंटल ब्लीचिंग (Dental Bleaching) कई प्रकार की होती है।
चेयर साईड ह्वाइटनिंग
इस प्रक्रिया में मशीन द्वारा एक घंटे में दांतों की सफेदी लौटायी जाती है।
केमिकल ब्लीचिंग
इस प्रक्रिया में एक विशेष दवा से दांतों के दाग-धब्बे हटाये जाते हैं। इससे गुटखा इत्यादि के दाग धब्बे साफ हो जाते हैं।
होम ब्लीचिंग
इस प्रक्रिया में मरीज को एक विशेष ट्रे दी जाती है जिसका प्रयोग दो हफ्ते तक करना होता है।
डेंटल ब्लीचिंग (Dental Bleaching) के बाद कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। ब्लीचिंग के तुरंत बाद दांतों पर टूथ मूस क्रीम का प्रयोग करना चाहिए। इससे कनकनाहट नहीं होती। ब्लीचिंग प्रक्रिया के तीन दिनों बाद तक चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स, शराब, धूम्रपान, गुटखा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। गुटखा इत्यादि का प्रयोग बंद कर देना चाहिए।