धूम्रपान स्वयं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, लेकिन फिर भी धूम्रपान के शौकीन व्यक्तियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है तंबाकू, सिगरेट आदि का सेवन, रसायनयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन भी कैंसर की संभावना को और अधिक बढ़ा देता है। प्रदूषण भी कैंसर रोगियों को बढ़ा रहा है। हर वर्ष अनुमानत: 10 हजार महिलाएं इस रोग का शिकार होती हैं।
विरासत में धूम्रपान की लत न दें
धूम्रपान स्वयं के स्वास्थ्य के लिए तो हानिकारक है ही, साथ ही यह आने वाली पीढ़ी के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार अगर माता-पिता धूम्रपान करते हैं तो उनके बच्चों में भी इस आदत के शिकार होने की संभावनाएं दो गुना बढ़ जाती हैं। यही नहीं, ये बच्चे प्रारंभ में ही दमे व सांस की बीमारियों से ग्रस्त हो सकते हैं। भारत में ही नहीं, दूसरे देशों में भी धूम्रपान के शौकीन व्यक्तियों की कमी नहीं है।
विशेषज्ञ इसके खतरों से आम व्यक्ति को परिचित करा रहे हैं लेकिन फिर भी धूम्रपान के शौकीन व्यक्तियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। ताजा सर्वेक्षणों से पता चला है कि अधिकतर बीमारियों जैसे हृदय रोग, कैंसर, दमा, आंखों की बीमारियों की जड़ धूम्रपान है इसलिए आज की युवा पीढ़ी को इसके खतरों से सचेत होने की आवश्यकता है ताकि वे अपनी विरासत में अपने बच्चों को बीमारियां न देकर एक खुशहाल व स्वस्थ जीवन दें।
खतरनाक है धूम्रपान के गहरे कश
धूम्रपान के खतरों से आज हर व्यक्ति परिचित हैं व नये शोधों से इससे हो रही विभिन्न बीमारियों के होने की संभावनाओं का पता चल रहा है। हाल ही में न्यूजीलैंड की एक पत्रिका टोबेको कंट्रोल के अनुसार अगर सिगरेट पीने वाला व्यक्ति गहरे कश लेता है तो इन व्यक्तियों को हृदयाघात का खतरा 80 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। महिलाओं को यह खतरा पुरूषों की अपेक्षा और अधिक है। इतने अधिक नुकसानों के बावजूद व इनसे परिचित होने के बाद भी धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों की संख्या में वृध्दि होती जा रही है।