Alcohol can cause Stomach Cancer – शराब से हो सकता है आमाशय कैंसर

Alcohol can cause Stomach Cancer - शराब से हो सकता है आमाशय कैंसर

आमाशय कैंसर (Stomach Cancer) के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आज युवा पीढ़ी पश्चिमी सभ्यता की अंधी दौड़ के चलते बुरी आदतों की गिरफ्त में है। हैंडसम और स्मार्ट कहलाने का शौक, आधुनिक बनने के फैशन में वे इस कदर चूर रहते हैं कि उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता। कभी वो शराब पीते हैं तो कभी बियर, कभी सिगरेटें सुलगती है तो कभी सुंगध बिखरेते गुटखे कमाल दिखाते हैं। लेकिन क्या आपने सोचा है कि ये सब पीने से आपको मिलता क्या है?

अगर बात शराब की करें तो शराब के सेवन से आमाशय कैंसर (Stomach Cancer) को बढ़ावा मिल रहा है। शराब सेवन से न सिर्फ शरीर खोखला होता है बल्कि यह कई भयंकर रोगों को भी जन्म देती है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि तम्बाकू और धूम्रपान से शरीर के विभिन्न अंगों में होने वाले कैंसर के बारे में तो लोगों को जानकारी है किन्तु शराब के अत्यधिक सेवन से होने वाले रोगों से वे अनजान है और जब उन्हें इसकी जानकारी होती है, तब बहुत देर हो चुकी होती है।

आमाशय शरीर का एक ऐसा अंग है, जो पाचन संस्थान के कई प्रमुख अंग और आहार नली के बाद जुड़ी हुई एक थैलेनुमा संरचना है। इसमें भोजन जमा होता रहता है। यहीं से पाचन क्रिया का शुरूआती कार्य शुरू होता है।

आमाशय कैंसर (Stomach Cancer) के लक्षण

  • खानपान के पहले या बाद में दर्द के साथ जलन।
  • रोगी को भूख न लगना।
  • पेट के अंदर भारीपन।
  • खून की उल्टी।
  • खूनयुक्त शौच जाना।
  • सांस का फूलना।
  • पीलिया होना।
  • पेट में पानी से पेट फूलना।

आमाशय कैंसर (Stomach Cancer) की जांच

यदि शुरूआती दौर में ही आमाशय कैंसर के बारे में जानकारी मिल जाय तो शल्य क्रिया के जरिये इस रोग से हमेशा के लिए मुक्ति पाई जा सकती है।

  • दवा युक्त कर पेट का एक्स-रे।
  • एंडोस्कोपी के जरिये निरीक्षण।
  • प्रभावित स्थान से मांस के टुकड़े से जांच।

आमाशय कैंसर (Stomach Cancer) के उपाय

सर्वप्रथम शराब पीना बंद कर दें। देखा गया है कि अधिकांश लोग इन लक्षणों को गैस बनना या गैस्ट्रिक अथवा अल्सर सोच बैठते हैं। आमाशय कैंसर (Stomach Cancer) घाव के रूप में मशरूम के जैसा बढ़ता है और यह धीरे-धीरे आमाशय की थैली की ओर बढ़ता है। इस वक्त रोगी को भूख नहीं लगती और वह पेट में भारीपन महसूस करता है। वैसे भूख लगना या न लगना शरीर की सामान्य अवस्था में आमाशय ग्रंथियों से पाचक रस के स्राव से निकलने या न निकलने पर निर्भर करता है। आमाशय के अंदर कैंसर की अनावश्यक वृध्दि से तथा पाचक रस की स्राव ग्रंथियों को दवा देने के कारण भी यह हो सकता है। इस रोग का फैलाव आमाशय कैंसर के जरिये फेफड़ों, यकृत या उदर की जीवनरक्षक झिल्लियों में हो सकता है।

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