राम

राम के गुणों को आत्मसात करने में ही है जीवन की चरितार्थता

राम का चरित्र इतना उदात्त, प्रेरणास्पद, आकर्षक व सम्मोहक है कि राम का चरित्र निभाने वाले अभिनेता तक के प्रति हमारी श्रध्दा उमड़ने लगती है। हम कलाकार को राम मानकर उसकी पूजा करने को विवश हो जाते हैं। राम सबके आदर्श हैं क्योंकि राम एक आदर्श पुत्र, एक आदर्श भाई, एक आदर्श पति व एक…

Read More
नारी का अवमूल्यन एक कलंक

नारी का अवमूल्यन एक कलंक

नारी का अवमूल्यन कर, उसे उसकी गौरव गरिमा से गिराकर हमन एक अपराध किया और अंधकारपूर्ण परिस्थितियों में सैकड़ों वर्षों तक रहने का दंड दिया। कहा जा सकता है कि वह पहला अपराध था जिसका दण्ड देते समय इतिहास ने उदारतापूर्वक विचार किया। दक्ष प्रजापति के यज्ञ में गयी हुई सती जब अपने पति शंकर…

Read More
वृक्ष पूजन की सनातन मान्यता, उपयोगिता, और लाभ

वृक्ष पूजन की सनातन मान्यता, उपयोगिता, और लाभ

वृक्ष व वनस्पति रूद्र के रूप में मानी गयी है, क्योंकि वे वैषैली व हानिकारक हवा (गैस) पीकर प्राणवायु प्रदान करते हैं। अत: पेड़ पौधों को सींचना, उन्हें जल प्रदान करना साक्षात महादेव शिव (रुद्र) का जलाभिषेक करना है। आखिर एक वृक्ष सौ पुत्र के समान यूँ ही नहीं कहा गया है. सनातन धर्म संस्कृति…

Read More
राम

है राम के वजूद पे, हिन्दोस्तां को नाज

इस सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न धर्मनिरपेक्ष देश में मुगलकाल से ही राम के प्रति मुसलमानों के मन में जो भावना जन्मी उसे जानकर कहीं ऐसा बोध नहीं होता कि वे हिन्दू आदर्शों को महत्व नहीं दे पाये हैं। भारतीय साहित्य कला में उनका जो योगदान रहा है, उसे अस्वीकार नहीं किया जा सकता। राजनैतिक दोगलेपन की…

Read More