केला (Banana) फल के रूप में अच्छी तरह से जाना जाता है। केला (Banana) मांगलिक संस्कारों के लिए भी प्रयोग लाया जाता है। केला (Banana) अपने आप में स्वास्थ्यवर्ध्दक फल है क्योंकि इसमें पर्याप्त प्रोटीन, विटामिन्स, कार्बोहाइड्रेट्स, खनिज और जल विद्यमान रहते हैं। केला (Banana) और दूध (Milk) साथ-साथ खाना अपने आप में पूर्ण भोजन होता है। केला अपने कई औषधीय गुणों के कारण जाना जाता है।
- केला में कैल्शियम की मात्रा होने से यह हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए अच्छा माना जाता है।
- जो लोग बहुत पतले दुबले होते हैं, उन्हें दो केले 250 ग्राम दूध के साथ नियमित सेवन करना चाहिए। इससे उनका स्वास्थ्य भी ठीक होता है और वजन भी बढ़ता है।
- कभी-कभी बच्चे खेल खेल में धातु का सिक्का, कांच की गोली निगल जाएं या कुछ गले में अटक जाए तो उसे तत्काल पका हुआ केला खिलाएं। वस्तु मल के साथ बाहर निकल आएगी।
- जिन पुरुषों में शीघ्रपतन की बीमारी होती है उन्हें कम से कम दो या तीन सप्ताह तक एक तोले शहद के साथ एक केले का सेवन करना चाहिए। लाभ मिलेगा।
- गैस्ट्रेक होने पर, अल्सर होने पर या मन्दाग्नि होने पर नियमित केले का सेवन करने से शरीर को फायदा होता है।
- शरीर के किसी भाग पर सूजन आने से केले के गूदे को आटे में गूंथ कर गर्म करके उस स्थान पर बांधने से सूजन कम होती है।
- रक्त प्रदर और श्वेत प्रदर महिलाओं की आम बीमारी है। ऐसी स्थिति में नियमित पके केले का सेवन करना चाहिए।
- आग से कोई अंग झुलस गया हो या जल गया हो तो पके हुए केले को पीसकर प्रभावित स्थान पर लगाने से लाभ होता है।
- जीभ पर छाले होने की स्थिति में गाय के दूध की जमी दही के साथ पके हुए केले को खाने में छाले ठीक होते हैं।
- दस्त लग जाने पर दही में एक केला मिलाकर खाये, लाभ होगा।
- केले में लौह तत्व की प्रचुर मात्रा होती है जो रक्त निर्माण में सहायक होती हैं। जिन लोगों के शरीर में रक्त की कमी होती है उन्हें केला नियमित रूप से खाना चाहिए।
- पीलिया में भी केला लाभदायक है। पीलिया पीड़ित मरीज को दो पके हुए केलों में एक चम्मच शहद मिला कर अच्छी तरह फेंट कर दें। एक सप्ताह में लाभ दिखने लगेगा। तिल्ली बढ़ने की स्थिति मे एक माह तक पके हुए केले पर कच्चे पपीते के रस की कुछ बूंदें डाल कर देने से लाभ मिलता है।
वैसे तो केला गुणों से भरपूर है पर कुछ परिस्थितियों में केला कुछ लोगों को मना भी किया जाता है। जिन लोगों की शीत प्रवृत्ति होती है उन्हें केले का सेवन कम से कम करना चाहिए। जिनके पेट में अक्सर अफारा बना रहता हो, उन्हें भी केले का सेवन नहीं करना चाहिए। कमजोर पाचन शक्ति वालों को केले का सेवन दूध के साथ नहीं करना चाहिए।