डाइटिंग करते हुए भले ही यह आशा की जाती हो कि इससे शरीर सुडौल बनता है लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे दिमाग की सेहत खराब हो जाती है।
एक अध्ययन में पाया गया है कि डाइटिंग करने वालों की दिमागी क्षमता कई मामलों में डाइटिंग न करने वालों से कम हो जाती है। इस अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने 40 महिला वालंटियर्स पर एक परीक्षण किया। इसके लिए डाइटिंग करने वाली और डाइटिंग न करने वाली महिलाओं के दो समूह बनाये गये और दोनों ही समूहों की महिलाओं को जोड़ के 48 सवाल दिये गये, जिन्हें कागज पर नहीं बल्कि मन में ही हल करना था। इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गयी थी लेकिन हर महिला द्वारा इसमें लगाये गये समय का रिकॉर्ड स्टॉप वाच द्वारा रखा गया।
इसके बाद सभी महिलाओं का स्पॉटिअल टैपिंग टेस्ट लिया गया। इसके अन्तर्गत उन्हें घड़ी के घूमने की दिशा के अनुसार एक कार्ड पर बने चार वर्गों में से किसी एक पर उंगली रखने को कहा गया। महिलाओं को एक वर्ग पर उंगली रखने के लिए एक सेकेण्ड का समय दिया गया था। उसके बाद इन महिलाओं से उन अक्षरों को याद करने को कहा गया। वैज्ञानिकों ने पाया कि सामान्य मानसिक योग्यता और मैमोरी से संबंधित इन परीक्षणों में डाइटिंग करने वाली महिलाओं ने अधिक समय लगाया और गलतियां भी अधिक की।
अनुसंधान के नतीजों के बारे में अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि इन परीक्षणों में उन महिलाओं का प्रदर्शन बेहतर रहा, जो डाइटिंग नहीं कर रही थी लेकिन फिर भी इससे यह नहीं माना जाना चाहिए कि डाइटिंग करने वाली महिलाओं की सम्पूर्ण मानसिक योग्यता कम हो जाती है।