सर्दियों में सबसे अधिक होने वाला रोग है सर्दी-जुकाम। वैसे तो यह एक सामान्य रोग माना जाता है, लेकिन सामान्य रोग मानकर इसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता।
लक्षण
सर्दी-जुकाम के लक्षण भी सामान्य ही हैं। सर्दी होने के पहले बार-बार पानी पीने के इच्छा होना, गला सूखना, गले में खराश, सिर भारी होना, छींक आना, नाक में खुजली होना आदि प्रमुख लक्षण हैं।
क्यों होती है सर्दी
मुख्यत: सर्दी-जुकाम या नजला वायरस द्वारा फैलाया जाने वाला संक्रमण है, जो श्वसन प्रणाली के अगले हिस्से पर आक्रमण करता है। हमारी नाक और गले में एक अंदरुनी परत प्रतिरोधी कवच कहलाती है। जब हमें सर्दी होती है तो इसका मतलब है कि विषाणुओं ने इस प्रतिरोधी कवच को भेदकर भीतरी कोशिकाओं पर आक्रमण कर दिया है। श्लेष्मा युक्त परत में सूजन आने से श्वसन मार्ग अवरुध्द हो जाता है और नाक से सांस लेने में कठिनाई होती है। श्लेष्मा (नाक से बहने वाला पानी) उत्पन्न करने वाली कोशिकाएं अधिक मात्रा में स्राव करती हैं जो नाक द्वारा बाहर बहने लगता है। घ्राणेंद्री भी रोगग्रस्त हो जाती है, इसलिए सुगंध या दुर्गंध भी महसूस नहीं होती।
कैसे फैलती है सर्दी
आम धारणा है कि रोगग्रस्त व्यक्ति की छींक या उसकी नाक से निकले पानी द्वारा सर्दी एक से दूसरे में फैलती है यह काफी हद तक सही है, लेकिन हाथों का संपर्क भी इस रोग के प्रसार में प्रमुख भूमिका निभाता है। रोगी से हाथ मिलाने या उसकी स्पर्श की हुए वस्तुओं को छूने से विषाणु हमारे हाथ पर आ जाते हैं और जब हम नाक या आंख को स्पर्श करते हैं तो वे हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
बचाव एवं उपचार
- सर्दी से पीड़ित व्यक्ति के रुमाल, नेपकिन, टावेल अलग रखें और अलग से धोएं।
- अधिक से अधिक गर्म पदार्थों का सेवन करें।
- खांसी, बंद नाक और बदन दर्द के लिये अलग से दवाएं ले सकते हैं।
- मरीज के लिए यह जरूरी है कि एंटीबायोटिक टेबलेट लें। यदि सर्दी अधिक है तो आराम करें।
- जुकाम में बुखार नहीं आता, लेकिन यदि तीन दिन से ज्यादा बुखार बना रहे तो तुरंत डाक्टर को दिखाएं। यह निमोनिया या सायनस संक्रमण भी हो सकता है।
- सर्दी में घरेलू इलाज काफी लाभदायक होता है। इसके लिये तुलसी के पत्ते, काली मिर्च, लौंग, अदरक का काढ़ा बनाकर पीना असरकारक होता है, लेकिन काढ़ा पीने के तुरंत बाद हवा में न जाएं, बल्कि रजाई ओढ़कर सो जाएं।
सर्दियों में सबसे अधिक होने वाला रोग है सर्दी-जुकाम। वैसे तो यह एक सामान्य रोग माना जाता है, लेकिन सामान्य रोग मानकर इसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। जुकाम के बारे में आमधारणा यह है कि इसका इलाज करें तो सात दिन और न करें तो भी सात दिन में ठीक हो जाता है।