प्रात: की सैर में बहुत फायदे छिपे हैं। रक्त को शुध्दि सरलता से हो जाया करती है। जरूर लाभ उठायें।
- मार्निंग वॉक से हमारे रक्त की शुध्दि होती है। कार्बन डाइआक्साइड बाहर, आक्सीजन की प्रचुर मात्रा अंदर।
- आक्सीजन की सप्लाई पाकर रक्त पूरे शरीर का दौरा करता है। यह प्रोसेस चलता ही रहता है। इसी प्रोसेस से आक्सीजन द्वारा रक्त शुध्द होता रहता है। फ्रेश एयर में आक्सीजन बहुत होती है।
- प्रात: की सैर रक्त स्वच्छता का काम अच्छी तरह पूरा करती है। जो सैर को नहीं निकलते, वे शरीर की बड़ी हानि करते हैं।
- व्यक्ति हर एक मिनट में लगभग 15 बार श्वांस अंदर लेता है। 15 ही बार बाहर निकालता है। चार सेकेंड में सर्कल पूरा होता है। सैर में व्यक्ति जब लम्बे पग भरता है या दौड़ता है तो यह क्रिया और भी कम समय में पूरी होती है। श्वांस प्रश्वांस की गति बढ़ जाती है।
- यदि व्यक्ति सांस तेजी से लेगा तो फेफड़े अधिक गतिशील होंगे तथा रक्त का दौरा भी तीव्र हो जाएगा। इससे रक्त की शुध्दि भी जल्दी होने लगती है। रक्त शुध्द होने का अर्थ है अंदर की समूची सफाई। यह कार्य प्रात: की ताजा हवा में जाने से, सैर करने से हो पाता है।
- फेफड़े अधिक शक्तिशाली हो जाते हैं। पूरे शरीर की, विशेषकर टांगों व भुजाओं की अच्छी कसरत हो जाती है।
- सैर हमारे मोटापे को कम करने में मदद करती है। चुस्ती आती है।
- पेट के रोग जैसे- कब्ज आदि खत्म होते हैं। पेट साफ हो जाता है।
- सैर से पाचन क्रिया तेज हो जाती है। मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
- श्वांस सदा नाक से लें। भागते समय भी। वायु में मिले जीवाणु मुंह के द्वारा अंदर न जाएं, इसके लिए भी नाक से सांस लें, मुंह से कभी नहीं।
- सैर करते-करते, बहुत लम्बे पग भरते-भरते, बीच में थोड़ी दौड़ भी लगानी चाहिए। यह एक अच्छा व्यायाम भी है।
- सैर के समय हाथ में छड़ी लेने से भुजाओं का व्यायाम हो जाता है।
- धीरे न चलें। लम्बे कदम, एक ही गति में उठाकर सैर करें।
- एक ठीक सेहत वाला व्यक्ति चार किलोमीटर आने-जाने पर अधिक स्वस्थ रहता है। कमजोर या रोगी व्यक्ति अपने शरीर की क्षमता के अनुसार सैर किया करें।
- सैर को जाते समय चुस्त कपड़े नहीं पहनें। खुली हवा भी शरीर को लगती रहे, इसलिए खुले वस्त्र पहनें। प्रात: के खुले वातावरण में आक्सीजन भरपूर मात्रा में रहती है। फायदा उठाएं।
- ध्यान रहे, सारी वायु तो आक्सीजन नहीं होती। इसमें अन्य गैसें भी होती हैं।